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गंगा महात्म्य, मार्कंडेय पुरी एक पवित्र स्थल

जय गंगा मैया!

श्री गंगा भागीरथी महात्म्य ग्रंथ में संकलित श्री गंगा महात्म्य में मार्कंडेय पुरी का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस स्थान का महत्त्व अत्यंत अद्वितीय और पवित्र है।

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भागीरथी तपस्थल का महत्व

भागीरथी तपस्थल पर किए गए तप का फल और मार्कंडेय तपस्थल का फल एक समान बताया गया है। यहां की पवित्र शिला, जिसे महापूण्य और विशाल कहा गया है, मुनियों द्वारा सेवित है। इसके दर्शन मात्र से करोड़ों पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं।

गंगेश्वर महादेव मंदिर

मार्कंडेय पुरी गांव में स्थित मुखीमठ मुखवा के अंतर्गत एक पवित्र पाषाण शिला के ऊपर स्थित श्री गंगेश्वर महादेव का मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां पर नित्य हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और महामृत्युंजय मंत्र का जप कराते हैं, जिससे उन्हें अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।

मां अन्नपूर्णा का रूप

इसी स्थल पर मां अन्नपूर्णा के रूप में श्री गंगा जी की एक प्राचीनतम श्वेत मूर्ति गंगा मंदिर में विराजमान है। यहां के पुजारी मां गंगा को अन्नपूर्णा का स्वरूप मानकर नित्य भोग लगाते हैं।

मार्कंडेय ऋषि की तपस्थली

मुखीमठ मुखवा के प्रसिद्ध मृतंण्ड ऋषि के शिष्य श्री मार्कंडेय ऋषि की तपस्थली होने के कारण यह स्थान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां की पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

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गंगा सप्तमी महापर्व

इस पवित्र स्थल पर कई वर्षों से गंगा सप्तमी महापर्व का दिव्य और भव्य आयोजन स्थानीय 9 ग्राम के लोग मनाते आये हैं। जाह्नु पुत्री गंगा का प्राकट्य दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस महापर्व में शामिल होकर श्रद्धालु अपने जीवन को पवित्र और धन्य महसूस करते हैं।

मार्कंडेय पुरी कैसे पहुंचे?

जब भी आप गंगोत्री यात्रा पर आएं तो यहां पहुंचने के लिए गंगोत्री एनएच से ही लेफ्ट कट लेकर सुंदर हर्षिल वैली से आर्मी कैंट होते हुए गांव मुखवा के लिए रोड जाती है। मुखवा गांव पहुंचने के बाद पैदल ट्रेक करके मार्कंडेय पुरी पहुंचा जाता है।

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इस पवित्र स्थल के बारे में जानने और इसे अनुभव करने के लिए हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। आप भी एक बार यहां का दौरा करें और गंगा मैया की कृपा प्राप्त करें।

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