गंगा महात्म्य कथा, श्री गंगा भागीरथी, पंडित जगन्नाथ मिश्र, गंगा लहरी, गंगा मैया, काशी, पश्चाताप, भक्ति कथा, ganga

गंगा महात्म्य: पंडित जगन्नाथ मिश्र द्वारा रचित श्री गंगा लहरी की रहस्यमयी कहानी।

श्री गंगा भागीरथी महात्म्य ग्रंथ में संकलित श्री गंगा महात्म्य में हमें एक अद्वितीय कथा मिलती है। काशी के उद्भट पंडित, पं जगन्नाथ मिश्र द्वारा रचित श्री गंगा लहरी पाठ, जोकि गंगा जी की सबसे बड़ी स्तुतियों में से एक है, इसकी रचना के पीछे एक रोचक प्रसंग भी है।

राजदरबार में विजय: पंडित जगन्नाथ मिश्र का आश्चर्यकर शास्त्रार्थ

मुगल बादशाह शाहजहां के दरबार में पंडितों की महा सभा में पं जगन्नाथ मिश्र ने शास्त्रार्थ में सभी को राज दरबार में पराजित कर दिया। यह देख कर शाहजहां की पुत्री लवंगी को पं जगन्नाथ मिश्र से प्रेम हो गया।राजा ने पं जगन्नाथ मिश्र को कुछ मांगने को कहा, पंडित जगन्नाथ मिश्र ने उससे कहा, “सबसे पहले पूर्व में पराजित हुए सभी पंडितों को कारागार से मुक्त करो और अपनी पुत्री लवंगी का पाणिग्रहण संस्कार मेरे साथ करो।”

गंगा महात्म्य कथा, श्री गंगा भागीरथी, पंडित जगन्नाथ मिश्र, गंगा लहरी, गंगा मैया, काशी, पश्चाताप, भक्ति कथा, ganga

विवाह का निर्णय: जगन्नाथ मिश्र का धार्मिक संघर्ष 

इसके पश्चात, जब पंडित जगन्नाथ मिश्र ने शास्त्रीय विधि से शाहजहां  की पुत्री के साथ विवाह करने का निर्णय लिया, तो काशी के पंडितों ने विरोध किया कि एक मुस्लिम युवती के साथ विवाह करना धर्म के विरुद्ध है। इससे उन्हें बड़ी ग्लानि हुई और वे गंगा के तट पर पहुंचे।

भक्ति की ऊंचाइयों का साक्षात्कार: गंगा मैया के प्रति श्रद्धाभक्ति

गंगा तट पर पहुंचकर पंडित जगन्नाथ मिश्र ने गंगा मैया से पश्चाताप करते हुए श्लोकों की रचना की, जिससे गंगा नदी का पानी प्रत्येक श्लोक के लिए एक-एक सीढ़ी ऊपर उठता गया, 52 श्लोक गा कर 52 सीढी गंगा की धारा ऊपर चढ़ कर आई, इन्हीं 52 श्लोकों का संकलन है “गंगालहरी”, यह आश्चर्य देख कर और सुनकर सभी काशी निवासी आश्चर्यचकित रह गए और गंगा की महिमा में एक नया अध्याय जुड़ा।

पंडित जगन्नाथ मिश्र: गंगा मैया की अद्भुत भक्ति और धर्म समर्पण

पंडित जगन्नाथ मिश्र ने गंगा मैया की बड़ी भक्ति की और उनका धर्म के प्रति समर्पण हमें प्रेरित करता है। इस रचना के माध्यम से हम देखते हैं कि कैसे एक पंडित जी की निष्ठा और भक्ति ने उसे असीम प्रशंसा का हकदार बना दिया। यह भक्ति कथा हमें धार्मिक उत्साह और समर्पण की ऊंचाइयों तक पहुंचाती है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *